सागर
राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह राजपूत शुक्रवार शाम बाल सरक्षण आयोग, विधि परिवीक्षा अधिकारी, कई और विभागों के सदस्य सहित परसोरिया गांव पहुंचे. जहां पर उन्होंने मौलाना आजाद मिडिल स्कूल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण में स्कूल के साथ मदरसा और मस्जिद भी मिली. ओंकार सिंह का कहना है कि मौलाना आजाद स्कूल परसोरिया में स्कूल के नाम पर अवैध मदरसा चलाया जा रहा है. जबकि मदरसे की उनके पास मान्यता भी नहीं है. स्कूल में मस्जिद और इबादत खाना है, स्कूल के ड्रेस कोड में मुस्लिम परिधान है. स्कूल संचालन के लिए आठवीं तक की मान्यता है. अवासीय स्कूल की मान्यता प्राप्त नहीं है. यहां बच्चे दसवीं क्लास में पढ़ते हुए मिले हैं.
स्कूल की मान्यता पर मदरसे का संचालन
मध्य प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्यों ओंकार सिंह राजपूत ने बताया कि, हमारे निरीक्षण में स्कूल परिसर में कुछ चीजें आपत्तिजनक पाई गई हैं. जैसे स्कूल में मदरसा भी चलाया जा रहा है. जबकि उनके पास आठवीं तक स्कूल चलाने की अनुमति है, लेकिन नवमी और दसवीं के बच्चों को भी पढ़ाया जा रहा है. स्कूल के छात्रावास में इबादत खाना है और जहां बच्चे पढ़ते और खाना खाते हैं, वहां पर मस्जिद है. बच्चों की यूनिफॉर्म बिल्कुल मुस्लिम परिधान की तरह है. यहां कुछ बच्चे पगड़ी भी पहनते हैं. स्कूल चलाने की अनुमति के बावजूद यहां पर मदरसा चलाया जा रहा है. कुछ बच्चों ने शिकायत की थी कि, ”4:30 बजे हमें जगा दिया जाता है.”
स्थानीय बच्चों को नहीं दिया एडमिशन
आयोग के सदस्यों ओंकार सिंह राजपूत ने बताया कि, ”इसके पहले मदरसे और स्कूल की छुट्टी शुक्रवार को होती थी लेकिन अब मदरसे की छुट्टी शुक्रवार को होती है और स्कूल की छुट्टी रविवार को होती है.यहां पर बहुत सारी अनियमिताएं हैं, यहां स्थानीय बच्चों को एडमिशन नहीं दिया गया है, सभी बच्चे बाहर से आए हैं. कई बच्चे ऐसे हैं जिनके बारे में जानकारी भी नहीं है कि वह कहां से आए हैं. कई बच्चे ऐसे हैं जिनका नाम मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना में होना चाहिए था लेकिन नहीं है. हमने ऐसे बच्चों की सूची बनाई है और उन्हें इसका लाभ दिलवाएंगे.”
आयोग के सदस्यों ने बच्चों से बातचीत भी की
आयोग के सदस्यों ने बच्चों से बातचीत भी की। यहां पर आयोग को कई अनियमितताएं देखने को मिली। पढ़ाई के नाम पर यहां पढ़ने वाले बच्चों को प्रताड़ित करने की भी बात सामने आई है। मप्र बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि परसोरिया में संचालित मौलाना आजाद स्कूल के नाम पर अवैध मदरसा चलाया जा रहा है।
अन्य स्थानों की शासकीय शाला के बच्चे मिले
उन्होंने बताया कि जब टीम ने बच्चों से बात की तो कुछ ने रोते हुए बताया कि उन्हें सुबह 4.30 बजे जबरन उठाकर मदरसे में पढ़ाया जाता है। वहीं मदरसा संचालित करने की स्कूल के पास मान्यता ही नहीं है। इस स्कूल में स्थानीय बच्चों की जगह दूसरी अन्य स्थानों की शासकीय शाला के बच्चे मिले। स्कूल में मस्जिद के साथ इबादत व वजूस्थल भी मिला। सभी बच्चे यहां मुस्लिम वेशभूषा वाले गणवेश में थे।
आठ बच्चों के माता-पिता नहीं, यह बाल आशीर्वाद योजना से वंचित
आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि आठ बच्चे ऐसे मिले, जिनके माता-पिता नहीं है। इन बच्चों को प्रदेश सरकार की बाल आशीर्वाद योजना का लाभ मिलना चाहिए लेकिन यह योजना से वंचित हैं। चार बच्चे ऐसे भी हैं, जिनके माता या पिता नहीं है। सभी बच्चों की जानकारी एकत्रित की गई है।
आवासीय स्कूल की मान्यता नहीं
परसोरिया के मौलाना आजाद स्कूल को केवल आठवीं तक की मान्यता है, लेकिन यहां आवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराई गई जो अवैध है। छात्रावास में नवमीं व दसवीं तक के छात्र मिले। आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि मदरसे की छुट्टी शुक्रवार को होती है।
बच्चों ने बताया कि पहले आजाद स्कूल की भी छुट्टी शुक्रवार को होती थी, लेकिन एक महीने पहले ही स्कूल की छुट्टी रविवार को शुरू की गई। आयोग सदस्य सिंह ने बताया कि इस सभी अनियमितताओं का जांच प्रतिवेदन बनाकर कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा।