जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को सामुहिक भागीदारी में लोगों के बीच जेनेरिक दवाओं को लोकप्रिय बनाने और केंद्र शासित प्रदेश के सभी नुक्कड़ और कोने में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना के लाभों का विस्तार करने पर बल दिया।
सिन्हा जीएमसी जम्मू में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत पांचवें जन औषधि दिवस समारोह को वर्चुअल रूप से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह योजना आम लोगों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती जेनेरिक दवाएं प्रदान करने के अलावा महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार के उत्कृष्ट अवसर भी प्रदान कर रही है।
उपराज्यपाल ने केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के लिए शुरू किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला, जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण, सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में, सभी लोगों की भलाई के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत किया जा रहा है। हमारी सबसे बड़ी संपत्ति जन स्वास्थ्य है। बेहतर स्वास्थ्य प्रणाली और मजबूत सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए केंद्र शासित प्रदेश में लगभग 350 आधुनिक स्वास्थ्य अवसंरचना परियोजनाएं आ रही हैं।”
उपराज्यपाल ने कहा कि हमें जीडीपी जैसे पारंपरिक आर्थिक मापांक के साथ-साथ सकल स्वास्थ्य और जन खुशहाली पर भी ध्यान केंद्रीत करना चाहिए। स्वस्थ और खुशहाल समाज आर्थिक और सर्वांगीण विकास को सक्षम बना सकता है।
उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों से सस्ती दवाएं मिलने के कारण पूरे देश के परिवारों को अच्छी बचत हुई है और जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में प्रत्येक दिन लगभग 32 हजार रोगी 227 जन औषधि केंद्रों पर जा रहे हैं।
उपराज्यपाल ने कहा,“ हमारी कोशिश अमृत काल के अवसर पर प्रत्येक जिले में 75 जन औषधि केंद्र शुरू करने की है। जन औषधि दिवस मनाने के लिए पूरे जम्मू कश्मीर में एक सप्ताह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।”
जेनेरिक दवाओं, मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने में योगदान के लिए जन औषधि केंद्रों और अन्य हितधारकों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर भूपिंदर कुमार, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रशासनिक सचिव; डॉ. शशि सूदन शर्मा, जीएमसी जम्मू के प्रधानाचार्य; पीएमबीजेपी के नोडल अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए।