केंद्र सरकार जल्द ही देश भर से उत्तराखंड में चार धाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक मजबूत स्वास्थ्य सहायता और आपातकालीन प्रबंधन बुनियादी ढांचा तैयार करने जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को यहां उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत को एक मुलाकात के दौरान यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चार धाम के तीर्थ यात्रियों के लिए त्रिस्तरीय स्वास्थ्य सेवा तथा बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है।
मांडविया ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए सर्वोत्तम संभव स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य आपातकालीन बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अग्रिम एंबुलेंस और स्ट्रोक वैन के एक मजबूत नेटवर्क की योजना यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है कि स्ट्रोक प्रबंधन और उपचार स्वास्थ्य सुविधा के रास्ते में शुरू हो सके। उन्होंने कहा कि ये एंबुलेंस यात्रा मार्ग के विभिन्न स्थानों पर तैनात रहेंगी। देश भर के मेडिकल कॉलेजों के पीजी छात्रों को मजबूत हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर के हिस्से के रूप में तैनात करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा, “यह अनुभव पीजी छात्रों के लिए एक कौशल और क्षमता निर्माण अभ्यास के रूप में भी काम करेगा।”
मांडविया ने कहा कि इसके अलावा यात्रा के ऊंचे इलाकों में आपातकालीन दवाएं मुहैया कराने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री गढ़वाल हिमालय में 10,000 फुट से ऊपर स्थित हैं। हाल ही में एम्स-ऋषिकेश ने दवाइयां देने और लेने के लिए ड्रोन सेवा शुरू की है। एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों के साथ एक मजबूत रेफरल बैकएंड सिस्टम विकसित किया जा रहा है जो विशेषज्ञ देखभाल के रूप में काम कर रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य के लिए संपूर्ण नैदानिक उपचार प्रदान करेगा। इन उपायों को नागरिकों के अनुकूल संचार और जागरूकता गतिविधियों के साथ सहयोग दिया जाएगा। इनमें मौसम की स्थिति के बारे में तीर्थयात्रियों को सूचित करने के लिए वेबसाइट और पोर्टल, रास्ते में स्वास्थ्य सुविधाओं का स्थान, कॉल् सेंटर नंबर, यात्रा पूर्व स्क्रीनिंग, आपातकालीन सहायता नंबर आदि शामिल हैं।